V.S Awasthi

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अर्थ जब खोने लगे

अर्थ जब खोने लगे
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अर्थ जब खोने लगे
मानव से मानव विलग होने लगे
मानवता शर्मशार हुई
हम रिश्तों का बोझ ढोने लगे
अर्थ जब खोने लगे
ईश्वर ने मानव को बनाया था,
 जीवों पर दया का भाव‌ जगाया था
इन्सानियत का पाठ भी पढ़ाया था
हम इन्सानियत को भूलने लगे
अर्थ जब खोने लगे
पांच तत्वों को मिलाकर
ईश्वर ने मानव को बनाया
प्रकृति को हमसफ़र बनाया
उन तत्वों से मानव 
विलग रहने लगे
अर्थ जब खोने लगे
प्रकृति से दुश्मनी कर 
आज मानव परेशान है
इन्सानियत को भूल कर
इन्सानों से हैरान हैं
रिश्ते स्वार्थ से चलने लगे
अर्थ जब खोने लगे
स्वरचित:- विद्या शंकर अवस्थी पथिक
24/08/२०२२

# दैनिक प्रतियोगिता हेतु 


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14 Comments

Mithi . S

26-Aug-2022 02:51 PM

Nice

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Ajay Tiwari

25-Aug-2022 05:37 PM

Very nice

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Seema Priyadarshini sahay

25-Aug-2022 03:52 PM

बहुत खूब

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